#KeepItOn 2022 Report: Weapons of control, shields of impunity - internet shutdowns in 2022

लगातार पांच साल: भारत 2022 में इंटरनेट बंद करने वाला सबसे बड़ा दोषी है

Read in EnglishBengaliMarathiTamil or Telugu.

2022 में अधिकारियों ने 35 देशों में कम से कम 187 बार इंटरनेट बंद किया। भारत ने कम से कम 84 बार इंटरनेट बंद किया जो लगातार पांच साल में दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक है।

एक्सेस नाउ और #KeepItOn गठबंधन की नई रिपोर्ट, नियंत्रण के हथियार, दंड से मुक्ति की ढाल2022 में इंटरनेट शटडाउन आज  28 फरवरी को लॉन्च हो रही हे जो विशेष रूप से भारत में मानव अधिकारों के लिए एक विपत्तिपूर्ण वर्ष के दौरान इंटरनेट शटडाउन के वैश्विक पुनरुत्थान को व्‍यक्‍त करती है। पूरी रिपोर्टवैश्विक स्नैपशॉट और एशिया पैसिफिक डीप डाइव पढ़ें।

“सरकारें इंटरनेट शटडाउन का इस्तेमाल नियंत्रण के हथियार और दंड से मुक्ति की ढाल के रूप में करती हैं,” एक्सेस नाउ में #KeepItOn कैंपेन मैनेजर फेलिसिया एंथोनियो ने कहा।”2022 में  जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में लक्षित नाकेबंदी से लेकर जनता के विरोध को कुचलने के लिए शटडाउन किया। भारत में अधिकारियों ने ऑनलाइन क्षेत्र पर और अधिक नियंत्रण स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन दुनिया देख रही है और लोग जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।”

ऑनलाइन स्पेस पर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की पकड़ को और मजबूत करते हुए 2022 में अधिकारियों ने भारत में लाखों लोगों और समुदायों के खिलाफ इंटरनेट शटडाउन को हथियार बनाना जारी रखा। महत्वपूर्ण निष्कर्षों में शामिल हैं :

  •  कुल: वैश्विक स्तर पर 35 देशों में कम से कम 187 शटडाउन, एशिया प्रशांत क्षेत्र के 7 देशों में 102 शटडाउन, भारत में 84 शटडाउन;
  •  क्षेत्र: 2016 से विश्व स्तर पर सभी दस्तावेजी शटडाउन का लगभग 58% हिस्सा भारत का है;
  •  लक्षित: अधिकारियों ने जम्मू और कश्मीर में कम से कम 49 बार इंटरनेट का इस्तेमाल बाधित किया, जिसमें जनवरी और फरवरी में तीन दिनों के कर्फ्यू रूपी शटडाउन के लिए एक के बाद एक 16 आदेश शामिल हैं;
  •  ट्रिगर: अधिकारियों ने विरोध, संघर्ष, स्कूल परीक्षा और चुनाव जैसे अति महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के दौरान इंटरनेट को बाधित किया;
  •  उप-लेख: जबकि घटना की संख्या 2021 से कम थी, केंद्र सरकार द्वारा शटडाउन आदेशों को दस्तावेज में दर्ज न करने और प्रकाशित करने से इनकार करने, और शटडाउन को ट्रैक करने में आने वाली तकनीकी चुनौतियां का मतलब यह हो सकता है कि सभी शटडाउन दर्ज नहीं किए गए हैं;
  •  रुझान: ऑनलाइन कंटेंट और एप्लिकेशन को ब्लॉक करने से सेंसरशिप में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है;
  •  दंडमुक्ति: सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और बार-बार संसदीय सुझावों के बावजूद सरकारों ने शटडाउन को सामान्य बना दिया है और संघीय अधिकारियों ने पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सबसे बुनियादी तंत्र बनाने से भी इनकार कर दिया है; और
  •  सकारात्मक: कानून निर्माताअदालतेंउद्योग, और सभ्य समाज जवाबदेही और सरकार के नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे हैं।

2022 में अधिकारियों ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, भारत, म्यांमार, पाकिस्तान और श्रीलंका में इंटरनेट बंद किया।

“पिछले साल भारत ने पृथ्वी पर किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक – 84 बार इंटरनेट बंद किया,” एक्सेस नाउ में सीनियर इंटरनेशनल काउंसिल और एशिया पैसिफिक पॉलिसी डायरेक्टर रमन जीत सिंह चीमा ने कहा।”यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मौलिक अधिकारों पर 84 हमले हैं। G20 की अध्यक्षता करने वाले देश के लिए और उसके 2024 के आम चुनावों की पूर्व संध्या पर ये व्यवधान भारत की तकनीकी अर्थव्यवस्था और डिजिटल आजीविका महत्वाकांक्षाओं के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं – वास्तव में यह एक वैश्विक शर्म की बात है।”

पूरी रिपोर्टवैश्विक स्नैपशॉट और एशिया पैसिफिक डीप डाइव पढ़ें।